दही लेबल पंक्ति: तमिलनाडु में दही को लेकर उठे विवाद के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई (के अन्नामलाई) का भी हिंदी में विरोध सामने आया है। उन्होंने गुरुवार (30 मार्च) को पैकेट से दही हटाने के एफएस रेटिंग के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम तमिलनाडू बीजेपी की ओर से भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की नई सूचनाओं का स्वागत करते हैं।
के अन्नामलाई ने कहा कि एफ़एसएस स्थिति की ओर से जारी की गई सूचना को वापस लेने के लिए हमारे अनुरोध पर विचार करने और राज्य संचालित भागीदार दुग्ध अपराधियों को दही के सासे पर ‘दही’ के बजाय अपनी क्षेत्रीय भाषा का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए अधिकार देने के लिए जमाते हैं।
एफएसएसएस ने क्रम में किया बदलाव
एफएसएसएस ने गुरुवार को अपने आदेश में संशोधन किया और तमिलनाडु व कर्नाटक में राजनीतिक विवाद के बीच दही के पैकेट के लेबल में क्षेत्रीय नामों का उपयोग करने की अनुमति दी। एफएसएस ने दावों में कहा है कि खाद्य कारोबार परिचालकों (एफबीओ) को अब लेबल पर उम्र में किसी अन्य प्रचलित क्षेत्रीय सामान्य नाम के साथ ‘दही’ शब्द का उपयोग करने की अनुमति है। उदाहरण के लिए, हिंदी में ‘दही’ या कन्नड़ में ‘दही (मोसरू), तमिल में ‘दही (थायिर), तेलुगू में दही (पेरुगु), (ज़ामुतदौद)’ का उपयोग किया जा सकता है।
की ओर से @BJP4TamilNaduहम धन्यवाद @fssaiindia जारी की गई अधिसूचना को वापस लेने के हमारे अनुरोध पर विचार करने और राज्य द्वारा संचालित सहकारी दुग्ध समितियों को दही के पाउच पर “ढाही” के बजाय अपनी संबंधित क्षेत्रीय भाषा का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए। https://t.co/CRyxsCZNYc
– के अन्नामलाई (@annamalai_k) 30 मार्च, 2023
कर्नाटक और तमिलनाडु में हुआ था विरोध
कर्नाटक और तमिलनाडु में स्थित दुग्ध अपराधियों और निजी दायरे को जारी किए गए 10 मार्च के निर्देश में, एफएसएसएस ने प्रचलित क्षेत्रीय नामों के साथ ‘दही’ शब्द का उपयोग करने के लिए कहा था। इस निर्देश की तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कशगम (द्रमुक) सरकार और कर्नाटक में विपक्षी जनता दल (सेक आरोप) ने निंदा की है और इसे हिंदी को थोपे जाने की कोशिश बताई।
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