टेस्ट क्रिकेट में सफल कप्तान: क्रिकेट के तिकड़ी को ही सबसे कठिन परीक्षण प्रारूप माना जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण किसी भी खिलाड़ी की तकनीक से लेकर उसकी गांभीर्य की सही परीक्षा परीक्षण में होती है। किसी भी टीम के लिए इस संवाद में सफल होने के लिए गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही विभागों में बेहतर खिलाड़ी होना चाहिए। जिस भी टीम के पास यह संतुलन बेहतर होता है उसके लिए जीत हासिल करना आसान हो जाता है। लेकिन इसमें कप्तान की भी भूमिका काफी अहम रहती है।
टेस्ट क्रिकेट में सत्र के दस सत्र देखने को मिलते हैं। ऐसे में किसी भी टीम के कप्तान की भूमिका काफी अहम हो जाती है। बॉलिंग या फिर बैटिंग के समय उसका सही जजमेंट होता है। आपको टेस्ट क्रिकेट इतिहास के ऐसे 5 कप्तानों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी अगुवाई में टीमें सबसे ज्यादा सफल रही हैं।
5 – ग्रीम स्मिथ (48,62 जीत प्रतिशत)
साल 2003 से लेकर 2014 तक साउथ अफ्रीकन टीम का टेस्ट प्रारूप में दबदबा देखने को मिला था। इसकी सबसे बड़ी वजह ग्रीम स्मिथ की कप्तानी भी किसी एक बेहतरीन बल्लेबाज़ के तौर पर डाली गई थी। स्मिथ की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और सभी टेस्ट सीरीज में भी अपना नाम रखा था। स्मिथ की कप्तानी अफ्रीकी टीम ने 109 टेस्ट मैच खेले जिसमें से उन्होंने 53 में जीत हासिल की और टीम का जीत प्रतिशत 46.82 रहा।
4 – क्लाइव लॉयड (48.64 जीत प्रतिशत)
साल 1974 से लेकर 1985 तक वर्ल्ड क्रिकेट में सभी टीमों का दबदबा देखने को मिला था। उस समय विंडीज टीम की गिनती टेस्ट क्रिकेट की सबसे खतरनाक टीमों में की गई थी। विवेकी की कप्तानी उस समय क्लाइव लॉयड करते थे। जिनके नेतृत्व में टीम ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज को अपना नाम दिया। क्लाइव लॉयड की कप्तानी में संघ ने 74 टेस्ट मैचों में 36 में जीत हासिल करने की थी। लॉयड के 11 साल की कप्तानी के कार्यकाल के दौरान उन्हें सिर्फ 3 टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था।
3 – विराट कोहली (58.82 विजेता प्रतिशत)
भारतीय टीम ने साल 2014 से लेकर 2022 तक विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट स्टेटमेंट में काफी शानदार प्रदर्शन किया। साल 2015 में श्रीलंका के दौरे पर टीम इंडिया ने 3 मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-1 से अपना नाम दिया था। इसके बाद साल 2018-19 में विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम एशिया की पहली ऐसी टीम बनी जिसने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज को अपना नाम दिया था। कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने कुल 68 टेस्ट मैचों में से 40 में जीत दर्ज की थी। इस दौरान टीम का विजेता प्रतिशत 58.82 का देखने को मिला था।
2 – रिकी पोंटिंग (62.33 जीत का प्रतिशत)
टेस्ट लाइव में ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रदर्शन अब तक काफी शानदार देखने को मिला है। इसकी सबसे बड़ी वजह टीम के पास एक से एक शानदार खिलाड़ी मौजूद होना है। साल 2004 में स्टीव वॉ के संन्यास लेने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी रिकी पोंटिंग को सौंपी गई थी। पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम की काउंट वर्ल्ड क्रिकेट की सबसे खतरनाक टीम में शामिल होने जा रही थी। रिकी पोंटिंग के नेतृत्व में कंगारू टीम ने 77 टेस्ट मैच खेले जिसमें से उन्होंने 44 में जीत दर्ज की थी।
1 – स्टीव वॉ (71.92 जीत का प्रतिशत)
टेस्ट में अब तक सबसे सफल कप्तान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी स्टीव वॉ रहे हैं। फरवरी 1999 में मार्क टेलर के संन्यास लेने के बाद स्टीव वॉ को कंगारू टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। वॉ के नेतृत्व में टीम ने अपनी पहली टेस्ट सीरीज पर राजी के दौरे पर खेली थी। यह टेस्ट सीरीज 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई थी। स्टीव वॉ की कप्तानी में कंगारू टीम ने लगातार 16 टेस्ट सीरीज जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया था जिसे भारत ने रोक दिया था। स्टीव वॉ के नेतृत्व में कंगारू टीम ने 57 टेस्ट मैचों में से 41 में जीत दर्ज की थी।
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