डाकघर योजना मृत्यु दावा नियम: पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं (Post Office Small Savings Scheme) के तहत ज्यादातर लोग निवेश करते हैं। ऐसे में किसी योजना के लाभार्थी की अचानक मौत हो जाती है तो इन योजनाओं के डेथ क्लेम के नियम (मृत्यु दावा नियम) के बारे में जान लेना चाहिए। अन्यथा बाद में इन योजनाओं के तहत सागर मार्ग को निकालने में कठिनाई हो सकती है। आइए जानते हैं पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), एनएससी, सुकन्या समृद्धि योजना और टर्म डिपॉजिट आदि योजनाओं के तहत डेथ क्लेम करने का क्या नियम है और दस्तावेज दस्तावेजों की जरूरत है।
सेटलमेंट के लिए नियम
डाकगोला की पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ), एनएससी और सुकन्या समृद्धि के तहत डेथ क्लेम के नियम को आसान बनाया गया है। अगर राशि 5 लाख रुपये तक है तो नोमिनी या उत्तराधिकार को अधिकारिता के विवेक के आधार पर किया जा सकता है, पर 5 लाख रुपये से अधिक की राशि होने पर कोई कानूनी दस्तावेज़ (कानूनी दस्तावेज़) होना आवश्यक है। कोई कानूनी प्रमाण नहीं है तो प्रमाणीकरण को न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।
5 लाख रुपये से अधिक राशि के लिए कानूनी दस्तावेज
कानूनी दस्तावेज के तौर पर आपको मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल रूप में पासबुक या जमा रसीद या प्रमाणपत्र की डिटेल, शपथ पत्र, अस्वीकरण का पत्र और फिर से बांड बनाना होता है।
नोमिनी के नहीं रहने पर किसे पैसा मिलेगा
पोस्ट ऑफिस के स्मॉल सेविंग अकाउंट के तहत रजिस्टर्ड नॉमिनी को ही पैसा दिया जाता है। हालांकि उनका कानूनी दस्तावेज और प्रमाण होता है, लेकिन अगर उस योजना के तहत नामांकित व्यक्ति को जोड़ा नहीं जाता है, तो लिटिल सेव योजना के खाताधारकों की मृत्यु के बाद उसके उत्तराधिकार को कानूनी दस्तावेज देने पर राशि दी जाती है।
डेथ क्लेम करने के लिए किन चीजों की जरूरत है
यदि आप छोटी बचत योजनाओं के तहत खाते में जमा राशि पर मृत्यु दावा करने वाले हैं, तो आपको पास के किसी दस्तावेज को होना चाहिए, जो संगठन द्वारा सत्यापित किया जाएगा। साथ ही बैंक या पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट, नॉमिनी के सिग्नेचर और अन्य डॉक्यूमेंट होने चाहिए। इन दस्तावेजों के साथ आप क्लेम फॉर्म की पेशकश करके छोटी बचत योजनाओं के तहत जमा राशि को क्लेम कर सकते हैं।
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