होम लोन महंगा होगा: अगर आप 75 लाख रुपये या उससे ज्यादा होम लोन लेकर अपना सपना घर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए होम लोन लेना और भी महंगा हो सकता है। 75 लाख रुपये से ज्यादा के होम लोन पर लोअर रिस्क वेटेज रेशियो की सुविधा खत्म हो गई है और ये कोरोना महामारी के पहले दौर के लेवल 50 फीसदी हो गया है। अक्टूबर 2020 में आरबीआई ने 80 प्रतिशत से कम लोन फॉर्म के लिए रिस्क वेटेज को घटाकर 35 प्रतिशत कर दिया था। पहले ये ऑफर 31 मार्च 2022 तक के लिए था जिसे बाद में एक साल के लिए और बढ़ाकर 31 मार्च 2023 तक कर दिया गया। लेकिन अब इसके मियाद को आगे नहीं बढ़ाया गया है। आपको बता दें कि अलग-अलग फॉर्म के होम लोन के लिए रिस्क वेटेज रेशियो फिक्स किया गया था।
जेब से करना होगा ज्यादा रकम
माइक्रो के रिस्क वेटेज में दी गई छूट की मियाद को आगे नहीं बढ़ाने से 75 लाख रुपये से ज्यादा के होम लोन के लिए लोन टू बैलेंस 75 सेंट को फिर से बहाल कर दिया गया है जो कोरोना महामारी के दौरान खत्म कर दिया गया था। इसका मतलब यह हुआ कि 75 लाख रुपये से ज्यादा के होम लोन लेने वालों को 25 फीसदी मार्जिन अपफ्रंट रकम अपनी ओर से चुकाना होगा। साथ ही रिस्क वेटेज बढ़ने से 5 से 10 बेसिसपॉइंट ज्यादा होम लोन पर वेज चुकाना होगा।
लोन टू फॉर्म क्या होता है
कोई भी हाउसिंग फाइनैंस कंपनी या बैंक प्रॉपर्टी के फॉर्म के आधार पर होम लोन देती है। अगर आपके फ्लैट या घर की कीमत 50 लाख रुपये है और बैंक ने आपको 40 लाख रुपये होम लोन देने का फैसला किया है तो इसका अर्थ ये हुआ कि बैंक ने संपत्ति के 80 फीसदी की कीमत के बराबर होम लोन दिया है उसी रकम को लोन टू कॉन्फिडेंस कहा जाता है। एक अप्रैल 2023 से 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर लोन टू फॉर्म 80 सेंट या उससे कम है तो 35 फीसदी रिस्क वेटेज रेशियो होगा, और अगर 80 से लेकर 90 फीसदी के बीच लोन टू फॉर्म होगा तो बाकी वेटेज 50 फीसदी होगा। 30 लाख से लेकर 75 लाख रुपये की रकम के बीच होम लोन लेने पर रिस्क वेटेज 35 फीसदी होगा अगर लोन टू फॉर्म 80 फीसदी तक है। 75 लाख रुपये से ज्यादा के होम लोन पर 75 फीसदी का लोन फॉर्म होगा और बाकी वेटेज रेशियो 50 फीसदी होगा। यानी 75 लाख से ज्यादा के घर में लोन लेने वालों को प्रॉपर्टी के फॉर्म का 25 प्रतिशत रकम अपनी जेब से देना होगा जो कोरोना काल में खत्म कर दिया गया था।
एक तिहाई लोगों ने 50 लाख से ज्यादा का होम लोन लिया
नेशनल हाउसिंग बैंकों के डाटाबेस के मुताबिक 2021-22 में 2.45 लाख करोड़ रुपये का होम लोन और हाउसिंग फाइनैंस ऑफर ने एक तिहाई से ज्यादा होम लोन 50 लाख रुपये से ज्यादा का था। लेकिन अब जबकि होम लोन पर व्यस्तता बढ़ती जा रही है। ऐसे में इसके साथ जोखिम भी बढ़ रहा है यही कारण है कि होम लोन के टू फॉर्म्युले से लेकर लोअर रिस्ट वेटेज की सुविधा को आरबीआई वापस ले गया है।
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