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जम्मू-कश्मीर के लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट वित्त मंत्री ने बताया कि कहां पर कितना खर्च होगा

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जम्मू कश्मीर बजट 2023-24: वित्त मंत्री निर्मल सितारामन (निर्मला सीतारमण) ने सोमवार (13 मार्च) को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र ने हाई प्रदेश-कश्मीर (जम्मू कश्मीर) का 1.18 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। ग्रामीण इलाकों में घरों और 18.36 लाख लोगों को पानी साफ करने के लिए हर घर की नलियां लगा दी गई हैं।

बजट प्रदेश के सकल घरेलू उत्पादों को पांच साल में जोड़े जाने से नुकसान होता है। इसमें जमीनी लोकतंत्र को मजबूत करने, स्थायी कृषि को बढ़ावा देने, निवेश और औद्योगिक विकास को अपना बनाने, रोजगार सृजन, तत्काल विकास, समावेशी विकास, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समावेश पर जोर दिया है।

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने यह कहा

सीतारामन ने कहा कि कश्मीर 2023 के अंत तक देश के शेष हिस्सों से रेल संपर्क से जुड़ सकता है और सरकार अगले वित्त वर्ष में जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो रेल आने की योजना बना रही है। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, “वित्त वर्ष के लिए कुल बजट अनुमान 1,18,500 करोड़ रुपये है, जिसमें से विकास संबंधी खर्च 41,491 करोड़ रुपये है।”

उन्होंने कहा कि राजस्व व्यय 1,06,061 करोड़ रुपये हैं, जबकि राजस्व व्यय 77,009 करोड़ रुपये होने की उम्मीद थी। इससे पूंजी व्यय के लिए 29,052 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष उपलब्ध होगा।

सितारामन ने कहा, “वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कर/जीडीपी अनुपात 8.82 प्रतिशत अंक है जो पिछले वर्ष के 7.77 प्रतिशत से अधिक है।” उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कर्ज/जीडीपी अनुपात 49 प्रतिशत है और ग्राफ वृद्धि 2,30,727 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है।

18.36 लाख घरों में कनेक्शन जुड़ेंगे

वित्त मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के सभी 18.36 लाख घरों में 2023-24 तक कनेक्शन चालू रहेगा। प्रत्येक परिवार को नियमित और स्थायी पर न्यूनतम 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन निर्धारित गुणवत्ता के आधार पर संभावित विकल्प मिलेंगे।

इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए बजट में सैकड़ों रुपये का प्रावधान

वित्त मंत्री ने कृषि और रोपण के लिए 2,526.74 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के लिए 2,097.53 करोड़ रुपये, ग्रामीण विभाग को 4,169.26 करोड़ रुपये, बिजली क्षेत्र को 1,964.90 करोड़ रुपये, जल शक्ति विभाग को 7,161 करोड़ रुपये, आवास और शहरी विकास के लिए 2,928.04 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 1,521.87 करोड़ रुपये और धूम-पुलों के निर्माण के लिए 4,062.87 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

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