कर्नाटक समाचार: कर्नाटक के एक अदालत ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमसी) के चार सदस्यों को गतिविधियों में संलग्न होने के जुर्म में सात-सात साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। राष्ट्रीय पुश्ता अधिकार (एनआईए) के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि सभी दोषी पश्चिम बंगाल (पश्चिम बंगाल) के रहने वाले हैं।
प्रवक्ता के अनुसार, कादिर काज़ी आ शेख “मिजानुर रहमान”, मुस्तफ़िजुर रहमान अउ ‘तुफीन’, आदी आरू ‘असदुल्लाह’ और अब्दुल करीम उरा ‘कोरिम एसके’ को भारतीय संहिता जुर्माना (आईपीसी), गैर कानूनी सख्त रोकथाम कानून (यूएपीए) और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न दस्तावेजों के तहत दोषी ठहराया गया है।
बम बनाने वाली सामग्री मिली
बैंगलोर में जेम्बी के एक ठिकाने बम और ईडी बनाने वालों के लिए बड़ी मात्रा में सामग्री मिली थी। प्रवक्ता ने बताया कि मामला पहले कर्नाटक पुलिस के सोलादेवनहल्ली थाने में सात जुलाई 2019 को दर्ज किया गया था और इसके बाद एनआईए ने उसी साल 29 जुलाई को यह मामला दोबारा दर्ज किया।
इसके बाद उनके द्वारा एट्टीबेले थाना क्षेत्र में 2018 में धोखाधड़ी से संबंधित चार मामलों को एनआईए ने एक अप्रैल 2020 को फिर से दर्ज किया। एनआईए ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद धोखाधड़ी के इन सभी मामलों में एक संयुक्त आरोप पत्र सामने आया। सुनवाई के लिए इन चार मामलों को एक में मिला दिया गया।
रॉकेट लॉन्चर का परीक्षण किया था
पुरोहित ने कहा, “जांच से पता चला है कि भारत में जेएमबी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के इरादे से बैंगलोर में विभिन्न स्थानों पर धोखाधड़ी करके धन एकत्र किया गया था और विस्फोटक सामग्री को भी एकत्र किया गया था। उन्होंने गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रॉकेट लॉन्चर का परीक्षण किया था।” उन्होंने कहा कि अब तक कुल 11 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं और सभी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए जा चुके हैं। इनमें से तीन मामले में पहले ही दोषी करार दिए जा चुके हैं।
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