<p>दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार आईफोन मेकर एप्पल को तगड़ा झटका लगा है. एप्पल को यह झटका दिया है चीन ने, जिसके एक फैसले से एप्पल की वैल्यू में जबरदस्त गिरावट आई है. हाल ऐसा हुआ है कि एप्पल को महज 2 दिन में 200 बिलियन डॉलर यानी 20 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो गया है.</p>
<h3>इस तरह से गिरे हैं शेयरों के भाव</h3>
<p>एप्पल का शेयर अभी 178 डॉलर के आस-पास आया हुआ है. पिछले कुछ दिनों में एप्पल के शेयरों में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. यह अभी अपने ऑल टाइम हाई लेवल से काफी नीचे कारोबार कर रहा है. एप्पल के शेयर का ऑल टाइम हाई लेवल 198.23 डॉलर है. शेयरों में आई इस गिरावट का नुकसान एप्पल को एमकैप के रूप में हुआ है. 2 दिन पहले तक एप्पल 3 ट्रिलियल डॉलर यानी 3 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी थी. अभी कंपनी का एमकैप कम होकर 2.79 लाख करोड़ रुपये रह गया है. इस तरह से देखें तो कंपनी ने सिर्फ 2 ही दिन में 20 हजार करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाया है.</p>
<h3>चीन ने लगाया है ये प्रतिबंध</h3>
<p>दरअसल चीन ने आईफोन के इस्तेमाल को रेगुलेट करने का निर्णय लिया है. इसके तहत आईफोन के इस्तेमाल पर पाबंदियां लगाई गई हैं. चीन ने अपने सरकारी अधिकारियों को एप्पल आईफोन का इस्तेमाल करने से मना किया है. खबरों की मानें तो चीन की योजना एप्पल के आईफोन पर लगाई गई पाबंदियों को और कड़ा करने की है. चीन की सरकार अपनी कंपनियों के कर्मचारियों को भी आईफोन के इस्तेमाल से प्रतिबंधित करना चाह रही है.</p>
<h3>एप्पल के लिए बड़ा बाजार है चीन</h3>
<p>चीन के इस कदम ने एप्पल के शेयरों पर सीधा असर डाला है. यह असर अस्वाभाविक भी नहीं है. दरअसल एप्पल के लिए चीन कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है. चीन एप्पल के लिए अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार और सबसे बड़ा विदेशी बाजार है. एप्पल खासकर आईफोन की ग्रोथ में चीन की खपत का बहुत बड़ा योगदान है.</p>
<h3>मैन्यूफैक्चरिंग में चीन का बड़ा शेयर</h3>
<p>दूसरी ओर आईफोन समेत एप्पल के कई प्रोडक्ट की मैन्यूफैक्चरिंग का सबसे बड़ा बेस भी चीन ही है. एप्पल फॉक्सकॉन और उसके जैसी अन्य कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग फर्म से अपने डिवाइसेज बनवाती है. अभी फॉक्सकॉन ही एप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर है, जिसका मैन्यूफैक्चरिंग बेस लंबे समय से चीन बना हुआ है. एप्पल और उसकी सप्लायर कंपनियां चीन से मैन्यूफैक्चरिंग को शिफ्ट करने का प्रयास कर रही हैं. इसमें भारत एक बेहतर विकल्प बनकर उभरा है, लेकिन अभी भी कुल मैन्यूफैक्चरिंग में चीन का हिस्सा बहुत बड़ा है. स्वाभाविक है कि इन हालातों में चीन के द्वारा लगाई गई पाबंदियां एप्पल के ऊपर कई तरह से असर डाल रही हैं.</p>
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