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चीन को उसी के घर में डगमगाएगा भारत! भारतीय नौसेना प्रमुख आज वियतनामी नौसेना को विदा करेंगे आईएनएस कृपाण

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भारत ने वियतनाम को INS कृपाण उपहार में दी: भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार शनिवार (22 जुलाई) को दक्षिण चीन सागर में एक मिशनरी बेस पर वियतनामी नौसेना को एक ऑपरेशनल स्वदेशी जंगी जहाज ‘कृपाण’ उपहार में देंगे। माना जा रहा है कि इस कदम से भारत चीन के घर में बसना संभव होगा।

अन्य पड़ोसियों की तरह चीन का वियतनाम के साथ भी जमीन को लेकर विवाद है। वियतनाम की उत्तरी सीमा चीन से है और इसके पूर्व में दक्षिण चीन सागर है। भारत और वियतनाम के संबंध पूर्ण हैं क्योंकि 1979 के चीन-वियतनाम युद्ध में भारत ने वियतनाम की मदद की थी, जिससे चीन को पटखनी का सामना करना पड़ा था।

भारत की रणनीति चीन की तरह कभी भी विस्तारवाद की बात नहीं हो रही है लेकिन वियतनाम में उपहार देने वाले ड्रैगन को घेरने वाला आई शूज़ कृपाण काम आ सकता है, ऐसी उम्मीद की जा रही है।

8 जुलाई को वियतनाम का उद्घाटन आई चाईबासा कृपयाण से हुआ

बता दें कि स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल से लैस कार्वेट (छोटा जंगी जहाज) आई सूसा ने 8 जुलाई को कैम रान्ह इंटरनेशनल पोर्ट पर लॉन्च किया था और वियतनामी पीपुल्स नेवी ने इसका स्वागत किया था। भारत से वियतनाम तक की अंतिम यात्रा में यह जंगी जहाज़ में से एक जहाज़ शान से उतर रहा था।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में शीर्ष अधिकारियों के गुट से बताया गया है कि युद्धपोत वियतनाम के नौसैनिक बलों तक पहुंच रहा है। वहां सबसे पहले इसे भारतीय नौसेना से सेवामुक्त किया जाएगा। इसके बाद नेवी प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने वियतनामी नौसेना को नया रूप दिया।

कई अभियानों में शामिल है ये जंगी जहाज

आई कूज़ कृपण तीसरा स्वदेश निर्मित खोखरी श्रेणी का मिसाइल कार्वेट है। यह हेलोइन्स और सेंसरों से लैस है। इसमें अब तक कई अभियान और मानव सहायता सहायक शामिल हो गए हैं।

रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, एडमिरल आर हरि कुमार हाई फोंग स्थित वियतनाम पीपुल्स नेवी के मुख्यालय का भी दौरा करेंगे और वाइस एडमिरल ट्रान थान नघिएम (ट्रान थान नघिएम), सीआई एनसी, वियतनाम पीपुल्स नेवी के साथ बातचीत भी करेंगे। वह वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री से भी मिलेंगे।

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