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चंद्रयान-3 नासा और यूरोप की अंतरिक्ष एजेंसी ने लॉन्च किया, क्या कहा?

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चंद्रयान 3 लॉन्च पर नासा और ईएसए: अमेरिका और यूरोप के अंतरिक्ष शोशिद ने शुक्रवार (14 जुलाई) को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को अपने तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ की सफलता पर बधाई दी।

इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया। LMV3-M4 अपनी श्रेणी का सबसे बड़ा और भारी डिज़ाइन है और इसे ‘फैट बॉय’ कहा जाता है।

ईएसए ने चंद्रयान-3 के लॉन्च पर इसरो को दी बधाई

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने ट्वीट किया, “इसरो को बधाई देने के लिए यह शानदार लॉन्च!” ईएसए ने एक बयान में कहा कि वह अपनी गहन अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रयान-3 को चंद्रयान-3 के माध्यम से सहायता प्रदान कर रहा है। ये पृथ्वी पर ग्राउंड स्टेशन हैं जो अंतरिक्ष के बाहर मिशन के समय अंतरिक्ष यान से जुड़े रहने में मदद करते हैं।

नासा ने चंद्रयान-3 के लॉन्च पर ये कहा

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के महासचिव बिल नेल्सन ने भी इसरो को चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ”चंद्रयान-3 के लॉन्च पर इसरो को बधाई।” चंद्रमा पर इसकी सुरक्षित यात्रा की कामना करता हूं। मैं इस मिशन से मिलने वाले वैज्ञानिकों को लेकर उत्सुक हूं।

पिछले सात दशक में 111 चन्द्र मिशन भेजे गये, जिनमें से तीन सफल रहे

इसरो के प्रमुख एस.एस. सोमनाथ के अनुसार, 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की योजना बनाई गई है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के चंद्रा मिशनों से संबंधित आंकड़े पिछले सात दशक में 111 चंद्रा मिशनों में से 62 सफल रहे, 41 विफल रहे और आठ को आंशिक सफलता मिली।

चंद्रमा के लिए पहला मिशन ‘पायनियर 0’ अमेरिका ने 17 अगस्त, 1958 को भेजा था जो रवाना हुआ था। रूस और अमेरिका के उस वर्ष भेजे गए छह और चंद्र मिशन विफल रहे।

इसरो के पूर्व राष्ट्रपति जी माधवन नायर ये बोले

भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने कहा कि चंद्र मिशनों की सफलता दर केवल 50 प्रतिशत है और इसके रॉकेट के पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र से बाहर जाने के समय के खतरे हैं। आंकड़ों के अनुसार, 1958 से 2023 तक भारत के अलावा अमेरिका, रूस, जापान, यूरोपीय संघ, चीन और इजराइल ने विभिन्न चंद्र मिशनों की परिकल्पना की।

यह भी पढ़ें- ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 पर इसरो प्रमुख ने बताया कि चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कब होगी? बड़ी बातें



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