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गृह मंत्री अमित शाह ने की साइबर सुरक्षा की समीक्षा, अब ठगों से बचने के लिए डायल करें ये नंबर

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साइबर अपराध पर अमित शाह: साइबर ठगों से निपटने के लिए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इस दिशा में गृह मंत्री अमित शाह ने I4C यूनिट के कामकाज की समीक्षा की और इसमें साइबर ठगों से निपटने के लिए तैयार किए गए टोल फ्री नंबर 1930 की प्रभाव को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर सुरक्षा समन्वय समिति यानी “I4C” की समीक्षा बैठक के दौरान मानचित्रों और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल पर भी विशेष जोर दिया। मंगलवार (28 मार्च) को गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली स्थित I4C के कार्यालय का अवलोकन किया और देश में बढ़ते जा रहे साइबर अपराध से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

क्या बोले अमित शाह?

इस डिजिटल ट्रांजिशन के दौरान सुरक्षित उपयोग और साइबर अपराध से निपटने के लिए विभाग की ओर से तैयारियों का जायजा लिया गया। गृह मंत्री अमित शाह ने इस इकाई को पहलुओं में हर महीने साइबर जागरूकता दिवस मनाने को कहा, ताकि लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता आए। मीडिया से बात करते हुए अमित शाह ने बताया कि I4C सभी राज्यों के सहयोग से रहने को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अमित शाह ने बताया साइबर फ्रॉड का रिकॉर्ड

उन्होंने कहा कि जनवरी 2020 में लॉन्च किए गए साइबर क्राइम पोर्टल का उपयोग अब तक 13 करोड़ से अधिक बार किए जा चुके हैं, जबकि अबतक 20 लाख से अधिक साइबर क्राइम पोर्टल का प्रवेश की जा चुकी है। जिसके आधार पर करीब 40,000 से अधिक दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि सीसीटीएनएस यानी क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम के जरिए अब तक 99.9 पुलिस स्टेशन सीधे तौर पर जुड़ चुके हैं और अब तक पुलिस थानों में मौजूद डाटाबेस में से 28.98 करोड़ पुलिस रिकॉर्ड दर्ज हैं किए गए हैं. क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम्स पर नागरिकों की ओर से 12.82 करोड़ से अधिक सर्विस रिक्वेस्ट मिले हैं, जिनमें से 12.35 करोड़ रिक्वेस्ट का स्टेट पुलिस द्वारा सेटलमेंट किया जा चुका है।

नफीस के जरिए पकड़े जाएंगे क्रिमिनल

गृह मंत्रालय की ओर से सबसे पहले तैयार किए गए नफीस यानी राष्ट्रीय स्वचालित समझौते पहचान प्रणाली पर अबतक अपराधियों के 1 करोड़ 5 लाख 80 हजार 266 रिकॉर्ड बनाए गए हैं। जिसके माध्यम से जब कोई घटना घटित होती है तो अपराधी परस्पर संबंध बनाकर उसे दबोचा जा सकता है। इसे 17 अगस्त 2022 को शुरू किया गया है। इसके जरिए मार्च 2023 तक 23 हजार 378 बार चेक किया जा चुका है।

‘1930’ पर कॉल करेंगे ही बचाव

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि साइबर वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए ‘1930’ हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इस नंबर पर कॉल करते ही तुरंत कार्ड ब्लॉक कर देते हैं, जालसाजी करने वाले को ट्रेस कर लेते हैं और इसमें शामिल होने के लिए कई चीजें पाई जा जाती हैं। इसके अलावा 250 से अधिक बैंक और वित्तीय लेनदेन ऑनबोर्ड एक्सेस हैं। इसके माध्यम से अबतक 1.33 लाख से अधिक लोगों से साइबर अपराधियों की ओर से गबन किए गए 235 करोड़ रुपये से अधिक का करार हुआ है। 1930 हेल्पलाइन नंबर की सुविधा का सिंगल विंडो सिस्टम है।

गृह मंत्री शाह ने बताया कि राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (जांच) के माध्यम से, अभी तक राज्यों को 5 हजार से अधिक फॉरेंसिक सेवाएं प्रदान की गई हैं। अबतक राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से 500 से अधिक जुड़े हुए I4C के समूहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने 15 राज्यों में साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर और जनवरी 2020 में I4C की स्थापना की थी जिसके तहत 7 अन्य वर्टिकल भी लॉन्च किए गए थे।

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