<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"घरेलू खर्च: कपड़ों पर इन दिनों भारतीय सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं। इसके बाद शराब और काम करने वालों का नंबर आता है। विशेष मंत्रालय की रिपोर्ट से ये बातें निकल सामने आई है। डाटाबेस के मुताबिक कपड़ों पर किए जाने वाले खर्च में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि शराब पर जाने वाला खर्च 14.3 फीसदी और काम पर खर्च 12.8 फीसदी की दर से बढ़ा है। जबकि खाद्य वस्तुओं पर खर्च केवल 7 प्रतिशत की दर से बढ़ाया जाता है।
सांख्यिकी मंत्रालय के वित्त वर्ष 2021-22 के निजी अंतिम कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (पीएफसीई) में घरेलू और मंदिर गुरुद्वारों जैसे नॉन प्रॉफिट सर्विंग हाउसहोल्ड पर किए जाने वाले खर्च को शामिल किया जाता है। इस डेटाबेस में 2021-12 को बेस ईयर के तौर पर लिया गया है। डाटाबेस के अनुसार स्थिर मुल्य (स्थिर मूल्य) के होश से कपड़ों पर 2021-22 में किए गए खर्च में 26 प्रतिशत की दर से कारण देखा जाता है। वहीं शराब पर किए जाने वाले खर्च में 14.3 प्रतिशत के हिसाब से टॉस मिला है। जूते-चप्पल यानी फुटवीयर पर खर्च 12.8 फीसदी की दर से बढ़ाया जाता है। जबकि खाद्य वस्तुओं पर खर्चा केवल 7 प्रतिशत दर से बढ़ाया जाता है।
जब मौजूदा दस्तावेजों पर कपड़ों पर जाने वाले खर्च में 35 फीसदी फुटवियर पर 19.76 फीसदी और शराब पर 19.16 फीसदी का सालाना खर्च बढ़ाया जाता है। जबकि खाद्य वस्तुओं पर खर्च 11 प्रतिशत दर से बढ़ा है।
जानने वाले का मानना है कि ये खर्च तब का है जब देश कोविड से बाहर निकल रहा था क्योंकि कोविड के पहले फेज में लोगों ने खर्च में कटौती कर दी थी। 2021-22 में जैसे ही कोरोना का असर कम हुआ और लोगों की आय बढ़ने लगी तो फिर से कोविड-19 के कारण पूर्व के समय की जनसंख्या में वृद्धि हुई। खाद्य वस्तुओं पर व्यय का अनुमान रेट कम होता है क्योंकि COVID-19 के बावजूद उन वस्तुओं की भारी मांग को प्राप्त किया गया था।
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