https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

कैसे शुरू हुआ गुड़-चना प्रसाद का प्रचलन, किन देवी देवताओं को लगता है गुड़-चने का भोग

Share to Support us


Gud Chana Bhog: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के दौरान देवी-देवताओं को भोग लगाने का विधान हैं. भगवान को भोग चढ़ाने को लेकर गीता में भगवान कहते हैं- ‘जो भक्त मेरे लिए प्रेम सेपत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्ध बुद्धि निष्काम प्रेमी भक्त का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ, वह पत्र पुष्प आदि मैं ग्रहण करता हूं.’

चाहे घर पर पूजा-पाठ हो मंदिर में, देवी-देवताओं की मूर्ति के समक्ष प्रसाद चढ़ाने की परंपरा रही है. प्रसाद में कई तरह के भोग शामिल होते हैं, जैसे खीर, मालपुए, लड्डू, चना-मिश्री, नारियल, गुड़-चना, हलवा और फल आदि. इसमें गुड़ चने के प्रसाद को महत्वपूर्ण माना गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन देवी-देवताओं को चढ़ाना चाहिए गुड़-चने का प्रसाद और कैसे शुरू हुई गुड़-चना प्रसाद की परंपरा.

कैसे शुरू हुआ गुड़-चना प्रसाद का प्रचलम

गुड़-चना भोग के संबंध में कहा जाता है कि, एक बार देवर्षि नारद भगवान विष्णु से आत्मा का ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे. लेकिन जब भी वो विष्णुजी के पास जाते तो विष्णुजी उन्हें पहले इस ज्ञान के योग्य बनने की बात कहते थे. इसके लिए नारदजी ने कठोर तप किए. लेकिन इसके बावजूद भी भगवान विष्णु से उन्हें आत्मा का ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ.

तब नारदजी धरती की ओर चल पड़े. उन्हें धरती लोक पर एक मंदिर दिखाई पड़ा, जहां उन्होंने साक्षात विष्णुजी को बैठे हुए देखा. उन्होंने देखा कि एक बूढ़ी महिला अपने हाथों से भगवान को कुछ खिला रही है. नारदजी उस महिला के पास गए और बड़ी उत्सुकता से उससे पूछा, हे माता! आप नारायण को कौन सी दिव्य सामग्री खिली रही थीं, जिसे प्रभु आपके हाथों से प्रेमपूर्वक ग्रहण कर रहे थे? बूढ़ी महिला ने नारादजी से कहा कि, उसने भगवान को गुड़-चने का भोग लगाया.

इसके बाद नारदजी धरती पर रहकर जप-तप और व्रत करने लगे. उन्होंने भगवान विष्णु की पूजा की और गुड़-चने का भोग लगाया. साथ ही लोगों में भी गुड़-चने का प्रसाद बांटने लगे. 
नारदजी की भक्ति से प्रसन्न होकर एक दिन नारायण प्रकट हुए और उन्हें आत्मा का ज्ञान दिया. वहीं उस बूढ़ी महिला को बैकुंठ धाम की प्राप्ति हुई. भगवान विष्णु नारद से बोले, सच्ची भक्ति वाला व्यक्ति ही ज्ञान का अधिकारी होता है. कहा जाता है कि इसके बाद से ही गुड़-चने प्रसाद प्रचलन शुरु हो गया. ऋषि, मुनियों से लेकर भक्त भी अपने इष्ट को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

किन देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है गुड़-चने का प्रसाद

  • भगवान विष्णु: श्रीहरि ने नारादजी से कहा था, ‘जो व्यक्ति मुझे प्रेमपूर्वक गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी.’ इसके बाद से ही सभी वैष्णव जन विष्णुजी को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
  • हनुमान जी: हनुमान जी को गुड़ चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि इससे हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और मंगल दोष भी दूर होता है. यदि आप किसी कारण भगवान को कुछ नहीं चढ़ा पाएं तो मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी को श्रद्धापूर्वक गुड़ चने का भोग लगाएं. इससे आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएगी.
  • मां संतोषी: शुक्रवार के दिन संतोषी माता की पूजा में गुड़-चने का भोग लगाएं. आप इस प्रसाद को खुद भी ग्रहण कर सकते हैं और सभी में बांट भी सकते हैं. लेकिन शुक्रवार को गुड़-चने का प्रसाद खाने के बाद खट्टी चीजें भूलकर भी न खाएं.
  • शनि देव: शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन शनि देव को गुड़ या चने का भोग लगाएं और इसे अधिक से अधिक लोगों में बांटे.

गुड़-चने के फायदे: धार्मिक दृष्टिकोण से गुड़-चने के भोग का बहुत ही महत्व होता है. स्वयं भगवान विष्णु ने इसकी महत्ता का उल्लेख किया है. लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गुड़-चना बहुत फायदेमंद होता है. गुड़-चना के सेवन से खून की कमी भी दूर होती है और शारीरिक शक्ति पैदा होती है. साथ ही गुड़-चना एनिमिया से बचाता है और शरीर में आवश्यक उर्जा की पूर्ति करता है. गुड़-चना से शरीर में आयरन अवशोषि‍त होता है इससे उर्जा का संचार होता है, जिससे कि व्यक्ति को थकान व कमजोरी महसूस नहीं होती.

ये भी पढ़ें: Guru Chandal Yog: मेष राशि वालों को आखिर कब मिलेगी विनाशकारी योग से छुटकारा, गुरु चांडाल योग क्या होता है? जानें

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X