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किसानों की आय को दोगुना करेगी नई फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी, इस तरह मिलेगा सब्सिडी और लोन का फायदा

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Subsidy for Food Processing: उत्तर प्रदेश को फूड प्रोसेसिंग का हब बनाने की कवायद चालू हो गई है. इस कड़ी में यूपी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीयल पॉलिसी-2023 के तहत सब्सिडी और लोन जैसी आर्थिक मदद के साथ तकनीकी सहायता प्रदान करने का भी मार्ग प्रशस्त हो गया है. ताजा रिपोर्ट की मानें तो यह नीति अगले 5 सालों के लिए लागू की जाएगी. राज्य सरकार का मानना है कि उत्तर प्रदेश में कृषि की उत्पादन क्षमता के मुकाबले खाद्य प्रसंस्करण की क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है. भारत के अलग-अलग इलाकों में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर का विस्तार हो रहा है, जिसका अर्थ है कि फूड प्रोसेसिंग की इंडस्ट्रीयल यूनिट में रेडी-टू-ईट खाद्य उत्पादों का कमर्शियल प्रोडक्शन किया जा रहा है.

कृषि उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ यूपी
यूपी की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीयल पॉलिसी में साफ शब्दों में कहा गया है कि आम, मटर, गन्ना, दूध, और आलू उत्पादन में राज्य पहले पायदान पर है, जबकि प्रसंस्करण के मामले में आम के लिए तीसरे नंबर पर, मटर के मामले में चौथे नंबर पर, दूध  के लिए चौथे नंबर पर, गन्ना के लिए दूसरे नंबर पर, गेहूं के लिए तीसरे नंबर पर और आलू के लिए छठवें नंबर पर काबिज हुआ है. यहां कृषि के बढ़ते उत्पादन से यह अनुमान लगा सकते है कि राज्य में प्रसंस्करण बढ़ाने की काफी क्षमता है.

किसानों को आर्थिक अनुदान
यूपी की खाद्य प्रसंस्करण उद्योद नीति-2023 में किए गए प्रावधानों को मुताबिक, कृषि भूमि को गैर-कृषि भूमि में बदलने के लिए 2% शुल्क की छूट प्रदान की है. यदि प्रोजेक्ट के बीच में कोई आरक्षित जमीन आ रही है तो प्रस्तावक को जमीन के बदले में सराकर को आरक्षित भूमि के सर्किल रेट के 25% के बराबर जमीन देनी होगी, हालांकि अब से इस 25% चार्ज को माफ किया जा रहा है.

लैंड यूज को बदलने के लिए चार्ज में अतिरिक्त 50 फीसदी की भी छूट देने का प्रावधान है. इन सभी के अलावा, बाहरी विकास शुल्क में 75% की छूट, स्टाम्प शुल्क में 100% की छूट की योजना है.

 यदि फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए दूसरे राज्यों से लाए गए कृषि उत्पादों पर लगने वाली मंडी शुल्क और उपकर की छूट भी दी जाएगी. इस नई नीति के मुताबिक अपनी उपज सीधे खाद्य प्रसंस्करण इकाई को बेचने वालों को मंडी शु्ल्क और उपकर में छूट भी दी जाएगी.

फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए सब्सिडी
यूपी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीयल यूनिट नीति 2023 के तहत 75 केवीए तक के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना पर 50% की सब्सिडी दी जाती है. वहीं महिला उद्यमियों के लिए 90% सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.

खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों के प्रोडक्शन से लेकर निर्यात के स्थान या बंदरगाहों तक सामान पहुचाने के लिए परिवाहन में भी 25% तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, हालांकि यह स्कीम नेपाल, बांग्लादेश और भूटान में उत्पादों के परिवहन पर लागू नहीं होगी. 

स्वयं सहायता समूह-किसान उत्पादक संगठन को अनुदान
खाद्य प्रसंस्करण इकाई के लिए पूंजीगत व्यय पर 35% सब्सिडी या अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक के अनुदान दिया जाएगा. यदि पहले से ही यूनिट में लगे संयंत्रों का विस्तार या आधुनिकीकरण करवाना चाहते हैं तो 35% सब्सिडी या अधिकतम 1 करोड़ रुपये के अनुदान का लाभ मिलेगा.

वहीं कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 35% सब्सिडी या 10 करोड़ रुपये तक का खर्च और डीप फ्रीजर, फ्रोजन स्टोरेज के लिए 50% अनुदान का प्रावधान है. इन सभी के अलावा, स्टोरेज, मार्केटिंग और प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक  संगठन और किसानों को 50% सब्सिडी या अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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