कांग्रेस की बैठक के अंदर की कहानी: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने पर दिल्ली स्थित पार्टी (AICC) मुख्यालय में शुक्रवार (24 मार्च) को उच्च स्तरीय बैठक हुई। कांग्रेस सूत्रों ने बैठक के अंदर की बातचीत और माहौल के बारे में जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी को राहत मामले के उपायों को लेकर बैठक में चर्चा हुई, यहां तक कि सामूहिक संबंधों की बात की गई, वहीं, कांग्रेस शिकायतकर्ता महात्मा गांधी काफी सख्त तेवर में नजर आईं। आइए जानते हैं किसने क्या कहा?
कांग्रेसी नेताओं से लेकर फकीरी गांधी ने यह कहा है
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पार्टिकल गांधी ने कांग्रेस नेताओं से कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2024 पर पूरा ध्यान लगाने के लिए कहा है। इसी के साथ उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि कर्नाटक विजेता राहुल गांधी के अविच्छिन्न मामले का जवाब देना है।
‘अपील कोर्ट से राहुल गांधी को होगी राहत’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और आनंद शर्मा ने कहा कि वे गारंटी देते हैं कि उच्च न्यायालय से राहुल गांधी को राहत मिलेगी और उनकी (राहुल) संसद वापस बहाल हो जाएगी। राजस्थान के अशोक गहलोत ने इंस्पिरेशन गांधी के सागर को याद करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस को गांव-गांव जाकर बात पहुंचानी चाहिए।
कांग्रेस ने सांसद की पार्टनरशिप की पेशकश की
बैठक में बीजेपी की ओर से जुड़े ‘ओबीसी समाज के अनदेखे’ मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसे लेकर कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि लोगों को पता है कि राहुल गांधी ने क्या कहा है। वहीं, कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने सामूहिक साझेदारी की पेशकश की। इसी के साथ बैठक तय की गई है कि शनिवार (25 मार्च) को सुबह 11 बजे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय में जुटेंगे.
बता दें कि राहुल गांधी कैरल की वायनाड पिछली शताब्दी से सांसद थे. उनकी संसदीय सदस्यता अब यह सीट खाली हो गई है। गुजरात के कोर्ट ने अदालत ने 2019 के ‘मोदी सरनेम’ वाले मानहानि मामले में गुरुवार (23 मार्च) को राहुल गांधी को दो साल की कैद की सजा सुनाई, जिसके बाद शुक्रवार को गवाह ने कांग्रेस नेता की संसद की सदस्यता रद्द की, रिपोर्ट जारी की की। कोर्ट ने राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी और उन्हें कोर्ट में अपील दायर करने के लिए 30 दिन का समय भी दिया गया था। राहुल गांधी के मामले में कांग्रेस की ओर से सेंटर सरकार की कड़ी आलोचना की जा रही है, साथ ही कई विपक्षी दलों ने भी नरेंद्र मोदी सरकार को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी गई है।