कर्नाटक चुनाव 2023: कर्नाटक में इस बार लोकतंत्र के उत्सव में गठबंधन ने जमकर हिस्सा लिया, जिसका नतीजा रहा कि चुनाव में वोटिंग ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। चुनाव आयोग से जारी नतीजों के मुताबिक इस बार राज्य में 72 प्रतिशत मतदान हुआ, जो अब तक का सबसे ज्यादा वोटर टर्नआउट है।
कर्नाटक में सबसे अधिक मतदान की बात करें तो यह राज्य के मांड्या जिले की ग्रामीण विधानसभा सीट मेलुकोट में हुई है। यहां 90.0 प्रतिशत पोलिंग हुई है। JDS का गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में 2018 में भी 90 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था।
वहीं, बैंगलोर क्षेत्र की 28 विधानसभा क्षेत्र से एक सीवी रमन नगर में इस बार सबसे कम 47.7 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले बार 2018 के चुनाव में यहां 51 फीसदी वोट पड़े थे। यह सीट लगातार तीन बार बीबीसी व्यवसाय में है।
ग्रामीण इलाकों में ज्यादा वोटिंग
ऊपर दी गई दो सीटों के उदाहरण कर्नाटक में अटैचमेंट के सत्यापन का स्वरूप भी दिखाते हैं। जहां ग्रामीण इलाकों में ज्यादा वोटिंग होती है, वहीं शहरी इलाके के मतदाता कम उत्साह दिखा रहे हैं। साल 2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों के आंकड़े शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में 20 फीसदी ज्यादा वोटिंग के आंकड़े हैं।
क्षेत्र के अनुसार वोटिंग के दस्तावेजों पर प्राथमिकी डालें तो मुख्य रूप से पुराने मैसूर के ग्रामीण क्षेत्र में औसतन 83 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ, जबकि राजधानी बेगुलुरु क्षेत्र में सबसे कम 55 प्रतिशत वोट पड़े। इस बार बैंगलोर क्षेत्र में 2018 के लिए भी कम वोटिंग हुई।
जब-जब वोटिंग कौन जीतेगा ?
कर्नाटक में अब तक 14 विधानसभा चुनाव विफल हो गए हैं। इनमें से 8 बार ऐसा हुआ है जब वोटिंग में बढ़ोतरी हुई है। इन 8 बार में सत्ताधारी पार्टी केवल एक बार ही पूरा कार्यकाल हासिल करने में सफल रही है। अन्य में या तो उनके प्रतिद्वंद्वी से हार का सामना करना पड़ा है या फिर राष्ट्रपति शासन के कारण सरकार बनी हुई है।
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