दिल्ली साइबर धोखाधड़ी मामला: ऑनलाइन फ्रॉड का एक बड़ा मामला सामने आया है। लगातार एजेंसी वाले एक व्यक्ति के फायदे से 50 लाख रुपये की रकम ठगों ने कम कर दी। पिड़ित का कहना है कि उसने कोई भी ओटीपी नहीं बताया और न ही कोई ओटीपी (बिना ओटीपी फ्रॉड) के लिए फोन किया था, फिर भी उसका अकाउंट से पैसे गायब हो गए।
पिड़ित का कहना है कि उनके नंबर पर कई बार मिस्ड कॉल आई, जिसमें से एक दो बार उन्होंने भी उठाया पर कोई जवाब नहीं आया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 घंटे तक मिस्ड कॉल का चिलच चला गया और उसके नंबर पर एक मैसेज आया कि 50 लाख रुपए अकाउंट (बैंक अकाउंट) से खाली हो गए हैं। फोन शाम 7 बजे और 8:45 बजे के बीच आया था। घटना 19 अक्टूबर की बताई जा रही है।
अलग-अलग खाते में वोट किए गए पैसे
साइबर अपराधी फ्रॉड के नए नए पैंटरे अपना रहे हैं। इस मामले में आरटीजीएस के माध्यम से 50 लाख की राशि खाते से खाली की गई है। साइबर फ्रॉड ने 50 लाख रुपये अलग-अलग खातों के माध्यम से निकाले हैं। एक भास्कर मंडल के खर्च में 12 लाख जबकि 4.6 लाख रुपये एक दूसरे व्यक्ति के खाते में और 10 लाख दो अलग-अलग खाते में भेजे गए हैं।
बिना ओटीपी के निकाले पैसे!
पुलिस का कहना है कि इस तरह की राशि को निकालने के लिए “सिम स्वैपिंग” का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस ने जानकारी दी कि इस तकनीक के तहत फ्रॉड करने वाले सिम तक किसी तरह से पहुंच प्राप्त कर लेते हैं और अकाउंट से रजिस्टर्ड नंबर के साथ डुप्लीकेट सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद ओरिजिनल नंबर पर बंद, डुप्लीकेट सिम सक्रिय हो जाता है और ओटीपी आदि के माध्यम से उन्हें संदेश मिल सकता है।
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कैसे करें
अगर आपके फोन में कोई भी कॉल या फिर एसएमएस नहीं आ रहा है तो तुरंत इसके बारे में मोबाइल हैंडसेट से बात करें और पूरी जानकारी लें। साथ ही कस्टमर केयर को भी कॉल करें। ऐसे में बहुत ज्यादा फोन आए तो भी अलर्ट अलर्ट होना चाहिए। क्योंकि ऐसे में फ्रॉड करने वाला उन्हें बार-बार फोन करके मोबाइल स्विच आफ करने पर मजबूर कर सकता है।
अपने मोबाइल नंबर को किसी सोशल मीडिया पर या ऐसी जगह शेयर नहीं करना चाहिए, जहां से कोई भी आपके नंबर की डिटेल हासिल कर ले। किसी को भी अपने फोन और बैंक की डिटेल न दें। अपने फोन के एसएमएस को भी चेक करते रहें।