आर्थिक मोर्चे पर राहत की उम्मीद कर रही दुनिया के हथकंडे अभी निराशा ही हाथ लगने वाले हैं। अमेरिका में बैंकिंग संकट (US Banking Crisis) के बाद अब कई बैंकों के ऊपर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है। ब्लूमबर्ग की एक ताजी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
इन बड़े नामों की निकल रही दीवाला
रिपोर्ट के अनुसार, मीडिया फर्मा मीडिया एलएलसी (वाइस मीडिया एलएलसी) और होम कंपनी मोनिट्रॉनिक्स इंटरनेशनल इंक (मॉनिट्रोनिक्स इंटरनेशनल इंक) सहित 7 अमेरिकी कंपनियां नौकरी देने की तैयारी में हैं। इन प्राधिकरण ने अमेरिका के दिवालियापन संरक्षण कानून के तहत पिछले एक-दो दिनों में आवेदन किया है। इन ऑब्ज़ाइटी का कहना है कि पिछले एक साल में तेज़ी से नौकरी पाने के कारण उन्हें क्रेडिट क्रंच यानी क़र्ज़ की कमी की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है।
इन संस्थाओं ने मांगा संरक्षण
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब ब्जेज च्लॉक कम थे, इन ऑब्जेक्ट्स ने भारी मात्रा में कर्ज लिया। अब व्यस्त आवास बढ़ने के बाद वे बोझ से छटपटा रहे हैं और पुनर्निर्माण के सभी प्रयास धरे रह रहे हैं। ब्लूमबर्ग के अनुसार, जिन संस्थाओं ने दिवालियापन कानून के तहत आवेदन किया है, उनमें से केकेआर का एनविज़न वर्किंग कॉर्प (केकेआर का एनविज़न हेल्थकेयर कॉर्प), ब्रिटेन का संभावित प्रॉड्यूसर वेनेटर एसोसिएशन पीएमसी (वेनेटर मैटेरियल्स पीएलसी), ऑयल कंपनी कॉक्स ऑपरेटिंग एलएलसी (कॉक्स ऑपरेटिंग) LLC), किड्डे-फेनवल इंक (किड्डे-फेनवाल इंक) और एथेनेक्स इंक (एथेनेक्स इंक) शामिल हैं।
बंधकों ने संघर्ष किया
बताया जा रहा है कि अमेरिका में अभी लगभग सभी सेक्टर की कंपनियां आपस में टकरा रही हैं। उनके सामने व्यावसायीकरण बढ़ने से फंडिंग अनपेक्षित होने की चुनौती आ गई है। वे ऋण छीन लेते हैं और बांड का भुगतान करने के लिए रिफाइनेंस नहीं कर पा रहे हैं। दूसरा ओरा बैंकिंग क्राइसिस ने भी फंडिंग का माहौल खड़ा कर दिया है। यही कारण है कि कंपनियां स्वयं को भंग करने की घोषणा करने का रास्ता चुन रही हैं, ताकि वे आने वाले महीनों के बकाया के भुगतान से छुटकारा पा सकें।
इतनी लापरवाही हुई थी
दिवालियापन होने का रास्ता चुन रही कुछ कंपनियों को तो भारी भरकम फॉर्मेशन मिली थी। साइना मीडिया ने 2017 में टीपीजी से 450 मिलियन डॉलर का फंड जोड़ा था और तब उसका फॉर्म 5.7 बिलियन डॉलर का हो गया था। यह कंपनी खुद को बेचने का भी प्रयास कर रही है। इसका ज़ोन में फोर्ट्रेस इन्वेस्टमेंट ग्रुप (फोर्ट्रेस इन्वेस्टमेंट ग्रुप), सोरोस फंड मैनेजर (सोरोस फंड मैनेजमेंट) और मुनरो कैपिटल (मोनरो कैपिटल) जैसे नाम शामिल हैं।
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