पाकिस्तान वित्तीय संकट: पड़ोसी देश पाकिस्तान के आर्थिक संकट को लेकर काफी समय से चर्चा जारी है। हालाँकि कंगाली की संपत्ति पर आ चुके इस देश को अब कुछ मोर्चों पर वित्तीय राहत मिल गई है। पहले पाकिस्तान को सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर की आर्थिक मदद मिली और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से भी 3 अरब डॉलर की वित्तीय मदद मिली। पाकिस्तान को संयुक्त अरब अमीरात से भी 1 अरब डॉलर की आर्थिक मदद मिल रही है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दी जानकारी
इन आर्थिक मदद के दम पर पाकिस्तान डिफॉल्टर बन गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ कर्ज मंजूरी पर अहम बैठक से पहले ही पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक दार ने मंगलवार 11 जुलाई को जानकारी दी थी कि सऊदी अरब से उनके देश को दो अरब डॉलर की नकदी की मदद मिली है।
पाकिस्तान सेंट्रल बैंक को सऊदी अरब से 2 अरब डॉलर की जमा राशि मिली
इशाक दार ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक (एसबीपी) में सऊदी अरब से दो अरब डॉलर जमा हो गए, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ गया। इस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज सरफराज ने भी सऊदी अरब के नेतृत्व और जनता की अपील में शहजादा मोहम्मद बिन सलमान को धन्यवाद दिया था।
आर्थिक मदद के बाद पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई
इस मदद के अगले ही दिन पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की वित्तीय मदद मिली है। इस तरह कुल मिलाकर अब पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर की आर्थिक मदद मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मान्यता है कि वित्तीय संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के पास सिर्फ 4.4 अरब डॉलर की ही विदेशी मुद्रा ही बची थी। हालाँकि आई स्टॉल की 3 अरब डॉलर, सऊदी अरब की 2 अरब डॉलर और संयुक्त अरब अमीरात की 1 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता से ये देश अब अपने विदेशी भंडार को 10 अरब डॉलर तक ले जाने में सफल होता दिख रहा है।
ये भी पढ़ें
पेट्रोल डीजल रेट: कच्चे तेल के दाम चढ़े, देश में गुरुग्राम समेत शहरों में सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल