एयर इंडिया कॉकपिट प्रवेश मामला: एयर इंडिया की चंडीगढ़-लेह उड़ान के कॉकपिट में महिला मित्र को रोके जाने के मामले में सिटीजन एयरलाइंस महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक साल के गुरुवार (22 जून) को पायलट का लाइसेंस रद्द कर दिया।
इसके अलावा डीजीएसए ने फ्लाइट के को-पायलट के लाइसेंस को भी 1 महीने के लिए निलंबत कर दिया क्योंकि उन्होंने इस मामले में बाद में पता लगाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। इसके अलावा तीन जून को हुई घटना के बाद अवकाश रहने तक दोनों पायलटों को सेवा से हटाने का आदेश दिया गया।
डीजेसीए ने क्या कहा?
डीजेसीए के सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, अनधिकृत लोगों को कॉकपिट में प्रवेश की अनुमति नहीं है और ऐसा कोई भी प्रवेश अधिकारी का उल्लंघन कर सकता है।
डीजेसिया ने अपने बयान में कहा, “मेसर्स एयर इंडिया की फ्लाइट मशाल-458 (चंडीगढ़-लेह) के पायलट-इन-कमांड ने तीन जून को प्रस्थान के दौरान एक अनधिकृत व्यक्ति को कॉकपिट में आने की अनुमति दी और वह पूरी तरह से उड़ान के दौरान था।” कॉकपिट में ही रह रहा है।”
एअर इंडिया पर पहले भी लगा था जुर्माना
डीजेसीए ने कहा कि को-पायलट ने कॉकपिट में महिलाओं के अनधिकृत प्रवेश पर कोई चिंता नहीं जताई और इसके बारे में कोई रिपोर्ट नहीं की। डीजेसिया ने इस साल फरवरी में दुबई-दिल्ली उड़ान में इसी तरह की घटना की रिपोर्ट दी थी, पिछले महीने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये की गिरावट का अनुमान था।
पूरे मामले में एयर इंडिया की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
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