मनीष सिसोदिया गिरफ्तार: सीबीआइ ने सोमवार (27 फरवरी) को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। सीबीआई (सीबीआई) ने मनीष सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी की मांग की थी। राउज एवन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड की मांग पर फैसला सुरक्षित रखा है। सिसोदिया को जांच एजेंसी ने रविवार को शराब नीति मामले में करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। आप बता रहे हैं कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ।
सीबीआइ ने कोर्ट में कहा कि मनीष सिसोदिया ने कैबिनेट नोट चलाया है. जिसके लिए नई एक्साइज पॉलिसी के लिए सार्वजनिक प्रतिक्रियाएँ ली गईं। उसके बाद मिन्टरों के समूह के माध्यम से चमक और ठीक दुकानों के लिए बदलाव करने की बात हुई। रिमांड्रींडते हुए सीबीआई ने कहा कि बहुत ही सुनियोजित और गुप्त तरीके से साजिश रची गई।
सीबीआई ने क्या कहा?
सीबीआइ ने कहा कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के नोट हमें एक कंप्यूटर से मिले। कमीशन अचानक से 5 से बढ़ाकर 12 करोड़ कर दिया गया। अगर ठीक है तो आगे बढ़ना था। दो सार्वजनिक सेवकों को वीकली एक्यूज बनाया गया। इंडो स्पिरिट को मनीष के कहने पर फायदा मिलेगा। जज ने पूछा पीसी क्यों चाहिए? सीबी ने कहा कि इस मामले में आमने-सामने पूछताछ की जाती है।
सिसोदिया के वकील ने विरोध किया
मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन ने सीबीआई की याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास रिमांड लेने का कोई बड़ा कारण नहीं है। जिस फोन के बारे में सीबीआई बात कर रही है। जब मैंने अपना फोन बदला तो मैंने अपना चेट और कॉल रिकॉर्ड क्यों नहीं हटाया कि भविष्य के लिए मेरे खिलाफ जांच हो?
उन्होंने कहा कि साउथ ग्रुप के फोन से जो चेट मिला उसमें विजय नायर का जिक्र है, वो बेल पर हैं फिर ये मनीष से कैसे आर्इ हैं? रिमांड के जमीनी कानून की नजर में नहीं टिकते। एलजी की अप्रूवल से कमीशन प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। सीबीआई ने कहा कि मनीष सिसोदिया कमीशन के परसेंट में बदलाव पर जवाब नहीं दे पाए।
“जांच में पूरा साथ दिया”
मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि जहां तक जांच में सहयोग की बात है तो मनीष ने अभी तक पूरा सहयोग किया है। एलजी जो मामले में शिकायतकर्ता हैं, उन्होंने शराब नीति में स्वयं को मंजूरी दी। वे कहते हैं कि सिसोदिया ने चार फोन इस्तेमाल किए, जिनमें से तीन नष्ट हो गए? ऐसे में मुझे क्या करना होगा? उन फोन को इस उम्मीद में संभाले रखेंगे कि एजेंसी आकर गिरफ्तार कर लेंगे? इन ग्राउंड पर रिमांड देना उचित नहीं होगा।
“सीआरपीसी 41 का पालन आवश्यक है”
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान तीन नोटिस दिए गए जिनमें से दो पूछताछ में शामिल हुए, लेकिन आरोप लगाया कि वो जवाब नहीं दे रहे हैं। सीबीआई जैसा चाहती है वैसा ही जवाब न दो तो सीबीआई रिमांड चाहती है। सीपीसी 41 का पालन आवश्यक है। जब्ती पुलिस को इसकी वजह से बताया जाना चाहिए। यदि सीआरपीसी 41 का पालन नहीं होता है तो ऐसे में बेल मिलनी को ही जाना चाहिए।
“शराब नीति में योग्यता बरती गई”
मनीष के वकील ने कहा कि चार्ज से पहले जांच अधिकारी को ये डाक टिकट कि इसका मकसद क्या है और इससे हासिल क्या होगा? गिरफ्तारी की शक्तियों का उपयोग विवेकपूर्ण होना चाहिए। सिसोदिया के दूसरे वकील मोहित माथुर ने कहा कि शराब नीति को सिसोदिया की ओर से सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था, अधिकांश को बरती गई। इस सबके उपराज्यपाल के कार्यालय में ही अमलीजामा पहना गया है।
उन्होंने कहा कि जो भी शराब नीति में लाभ के संबंध में 5 से 12 प्रतिशत के जो बदलाव किए गए थे, वो नोट का हिस्सा था जिसे एलजी को भेज दिया गया था, जिसे एलजी की ओर से तब किसी बदलाव का सुझाव नहीं दिया गया था। सीबीआई उस फैसले की जांच करना चाहती है जो तारीख हुई सरकार की कैबिनेट ने की थी। ऐसा नहीं हो सकता।
“हम उस फोन के बारे में पूछताछ करते हैं”
सीबी ने कहा कि हमें उस फोन के बारे में पूछताछ करनी है जो मनीष सिसोदिया साल 2020, जनवरी से इस्तेमाल कर रहे थे। मनीष के वकील ने कहा कि सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को सिसोदिया के घर और ऑफिस की तलाशी ली थी, 1 सितंबर 2022 को सिसोदिया ने उन्हें अपना फोन सौंपा था। ये कारण है कि उन्होंने जांच में हमेशा सहयोग किया। सीबीआई ने जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया वो भी तब जब दिल्ली में बजट पेश करने की तैयारी की जा रही थी। मैंने सीबीआइ से मांगा. मैंने सीबीआई को जांच में पूरा सहयोग किया है।
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