ऋण म्युचुअल फंड: डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को झटका है। डेट म्युचुअल फंड में टैक्सेशन के बारे में शेयर सरकार ने बदलाव किया है। दसवीं में किए गए वित्त में वित्त मंत्री निर्मल सीतारामन संशोधन लेकर आए। इस संशोधन के अनुसार डेट म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि कैपिटल गेन टैक्स के कैलकुलेशन में एसोसिएशनेशन का लाभ नहीं मिलेगा. एक अप्रैल 2023 से डेट म्यूचुअल फंड में निवेश पर ये नियम लागू होने जा रहा है.
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में संसोधन के माध्यम से ये प्रस्ताव सरकार लेकर आई है जिसे शुक्रवार को सात दिसंबर को देखा गया है। एक अप्रैल 2023 से डेट म्युचुअल फंड में निवेश पर अब शक होने पर लागू होने वाले शेयर टैक्स रेट के होश से निवेश से होने वाले होने पर टैक्स देना होगा।
सरकार के इस फैसले के बाद डेट म्युचुअल फंड और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर एक समान टैक्स का नियम लागू हो गया है। सेबी रेग्युलेशन के अनुसार मौजूदा समय में डेट म्युचुअल फंड स्कीम्स को 65 प्रतिशत कॉरपोरेट डेट जोखिम में निवेश करने की आवश्यकता होती है।
31 मार्च 2023 तक इनकम टैक्स कानून डेट म्युचुअल फंड में होल्डिंग अवधि के आधार पर टैक्स का नियम लागू होता है। 36 महीने से पहले डेट म्यूचुअल फंड को रिडीम करने के बाद यूनिट्स बेचने पर होने वाले लाभ पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स लगता है। हालांकि 36 महीने से ज्यादा होल्डिंग अवधि के बाद यूनिट विक्रेता पर लार्ज टर्म कैपिटल गेन्स लगता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर गठजोड़ बेनेफिट के साथ 20 प्रतिशत टैक्स टेक्स है।
लेकिन एक अप्रैल 2023 के बाद ऐसे डेट म्यूचुअल फंड जिनमें म्युचुअल फंड इक्विटी की इक्विटी में निवेश 35 फीसदी से ज्यादा नहीं होता है, इसमें इनकम टैक्स रेट के होश से टैक्स टैक्स होगा। हालांकि जो इंट्रेस्ट इंडक्शन का फायदा लेना चाहते हैं वो डेट म्यूचुअल फंड्स 31 मार्च 2023 तक निवेश कर फायदा उठा सकते हैं।
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