पिछले सप्ताह के दौरान घरेलू शेयर बाजार (भारतीय शेयर बाजार) ने मिला-जुला कर ठीक प्रदर्शन किया। अमेरिका में डिफॉल्ट (US Default) का खतरा टालने के बाद दुनिया भर के शेयर मार्केटर्स में रूख सकारात्मक हो गया है। इस कारण उम्मीद की जा रही है कि आने वाला बाजार के लिए और अच्छा साबित हो सकता है। हालांकि इसके अलावा भी कई ऐसे बड़े फैक्टर हैं, जो अगले हफ्ते बाजार की चाल पर अहम असर डालेंगे।
पिछले हफ्ते फ्लैट बेच रहा है
सबसे पहले बीते हफ्ते की बात. पिछले सप्ताह के दौरान बाजार लगभग सपाट रहा। कई नकारात्मक घटनाओं के बीच इसे बाजार के होश से ठीक बताया जा सकता है। वहीं पूरे मई महीने के दौरान बीएसईई का 30 स्टॉकर प्रोग्राम इंडेक्स सेंसेक्स (बीएसई सेंसेक्स) 1,500 अंक से ज्यादा यानी करीब 2.5 प्रतिशत मजबूत और 62,547.11 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह का एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) करीब 470 अंक यानी 2.6 प्रतिशत मजबूत और 18,534.10 अंक पर रहा।
सोमवार से रिजर्व बैंक की बैठक
सोमवार से शुरू हो रहे नए सप्ताह की बात: तो सबसे बड़ी घटना भारतीय रिजर्व बैंक की आरक्षित नीति समिति की बैठक (आरबीआई एमपीसी जून बैठक) है। भारतीय रिजर्व बैंक की लेनदेन नीति समिति, एमपीसी की तीन दिन की बैठक छह जून को शुरू होगी। मुलाकात की घोषणा आठ जून को होगी। एमपीसी की बैठक पर बाजार की निगाहें टिकी हुई हैं। ऐसी उम्मीद है कि इस बार भी आरबीआई की एमपीसी बैठक में ब्याज को स्थिर रखा जा सकता है।
घटनाओं का भी असर होगा
सप्ताह के दौरान घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक आंकड़े और वैश्विक प्रदर्शन भी शेयर बाजारों का रुख तय करेंगे। इसके अलावा एलियन शिकवा-विकार दिखाते हैं (FPI) के घूंसे से भी बाजार के रूख पर असर पड़ता है। बाजार की चाल पर मिथकों की प्रगति का भी असर होगा। वहीं डॉलर के शटर्स के रुख और स्टार तेल के दावे पर भी दावे की लगाएंगे।
आने वाले हैं सर्विस पीआईएम के आंकड़े
सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सेवा क्षेत्र के लिए पीएमआई (सर्विस पीएमआई) के आंकड़े आते हैं। इससे पहले मैन्युफैक्चरिंग के आंकड़े सामने आ रहे हैं। मई महीने के दौरान देश में विशेषाधिकार की 31 महीने के उच्च स्तर पर जा रहे हैं। अगर सर्विस सेक्टर का पी एक्सेस भी इसी प्रयोग पर रहा तो बाजार को मदद मिल सकती है।
बाजार के अनुकूल माहौल है
पिछले सप्ताह आंकड़ों के आंकड़े भी जारी किए गए थे, जो रिपोर्ट से बेहतर रहे थे। इससे बाजार को पल-पल हासिल करने में मदद मिल सकती है। अमेरिका में डिफॉल्ट का खतरा बताया जा रहा है और अमेरिकी संसद रास्ता निकालने में सफल हो रही है। इससे परिचित हो जाते हैं। वहीं कार्यकारी के तिमाही नतीजों का मौजूदा सीजन भी ठीक साबित हो रहा है। इस तरह देखें तो नए सप्ताह में माहौल बाजार के लिए अनुकूल दिखाई दे रहा है।
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