https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

इस मांग के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की ‘महिलाओं को मिले समय से पहले’

Share to Support us


मासिक धर्म की छुट्टी पर सुप्रीम कोर्ट: हर महीने मासिक धर्म काल यानी इससे जुड़ी तकलीफों के लिए छुट्टी का बंदोबस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मगंलवार (10 जनवरी) को महिलाओं ने जनहित याचिका दायर की।

याचिकाकर्ता ने बताया कि गर्भावस्था के लिए तो छुट्टी मिलती है, पर मासिक धर्म के लिए नहीं। कुछ राज्यों ने महीने में 2 दिन की छुट्टी का प्रावधान किया है। हर दिन ऐसे नियम बनाने का निर्देश दिया जाए। यह याचिकाकर्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने दायर की थी।

याचिका में क्या कहा?

याचिकाकर्ता ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन का एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इतना दर्द होता है कि किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ जाता है। ऐसे में यह कर्मचारियों की उत्पादकता को कम करता है। याचिका में बताया गया है कि कुछ भारतीय कंपनियाँ जैसे इविपनन (इविपनन), ज़ोमैटो (ज़ोमोटो), बायजू (बायजू), स्विगी (स्विगी), मातृभूमि (मातृभूमि), मैग्टर (मैग्ज़र), इंडस्ट्रीज़ (उद्योग), एआरसी (एआरसी) ,फ्लाईमाईबिज़ (FlyMyBiz) और गूज़ूप पेड सीक्शंस आगे बढ़ते हैं।

‘हो समान व्यवहार’

याचिका में कहा गया है कि महिलाओं के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। भारत के अलग-अलग राज्यों में धाराएं लीव को लेकर अलग-अलग व्यवहार के रूप में जानी जाती हैं। ऐसे में जब महिलाओं के पास भारत की शिक्षा है तो अलग-अलग तरह के व्यवहार क्यों किए जा रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि 2018 में शशि थरूर ने वूमेन्स सेक्सुअल रिप्रोडक्टिव और मेंस्ट्रूअल राइट्स बिल पेश किया था। इसमें कहा गया था कि महिलाओं को पब्लिक डिस्चार्ज फ्री में सिनेटरी पैड उपलब्ध कराएं।

सगे संबंधियों को छुट्टी मिलती है

याचिका में बताया गया है कि यूके, वेल्स, चीन, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया में माहवारी के लिए छुट्टी दी गई है। इसमें आगे बताया गया है कि पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्री ने जवाब में कहा था कि सेंट्रल सिविक सिक्स लीव रूल्स 1972 में स्ट्रुअल लीव के लिए कोई प्रावधान नहीं है।

यह भी पढ़ें- ‘कामकाज ठप हो जाएगा…एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं’, केंद्र से विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में बोली दिल्ली सरकार



Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X