एस जयशंकर ऑस्ट्रिया यात्रा: विदेश मंत्री एस जयशंकर (एस जयशंकर) ऑस्ट्रिया के दौरे पर हैं। वहां वह 3 जनवरी तक रहेगा। इस दौरान उन्होंने कई तरह के मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने दुनिया के गंभीर मुद्दों से एक आतंकवाद पर अपने विचार रखे। इससे पहले भी वैश्विक स्तर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंक को लेकर अपना नजरिया साझा किया है।
सोमवार (2 जनवरी) को एस जयशंकर ने ज्वाइंट प्रेस ब्रीफिंग कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान ऑस्ट्रिया (ऑस्ट्रिया) के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शालेनबर्ग भी मौजूद थे। उन्होंने ऑस्ट्रियाई नेताओं के साथ आतंकवाद से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय शांति के अधिकारों के बारे में जानकारी दी।
आतंकवाद को लेकर लंबी चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को लेकर लंबी चर्चा की, जिसमें अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा, हिंसक उग्रवाद और कट्टरवाद जैसे मुद्दे शामिल थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रभाव को एक जगह सीमित करके नहीं रखा जा सकता है, वो भी तब जब नशीले पदार्थ और अवैध व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय अपराध के रूप अन्य से गहराई से जुड़े हुए हैं। भारत से आतंकवाद का अपसेंटर बहुत ही निकट है। हमारे अनुभवों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
रूस और यूक्रेन के युद्ध पर चर्चा
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष पर जयशंकर ने कहा कि भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर बेहद चिंताजनक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात को हर बार कहते हैं कि आज का युग युद्ध का नहीं है। विदेश मंत्री ने बातचीत के मदद से मतभेदों को हल करने का आह्वान किया। जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूस और यूक्रेन के नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं और भारत के युद्ध को लेकर अपनी नजरिये पर जोर दे रहे हैं। विदेश मंत्री ने रूस और यूक्रेन युद्ध को मेंशन करते हुए कहा कि भारत चिंतित है। ईमानदारी से मानते हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह जरूरी है कि बातचीत और बेरोजगारी की स्थिति खराब हो जाए। लंबे समय तक किसी भी तरह का संघर्ष सही नहीं है।
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