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अब यहां ठंड ने बर्बाद कर दिए अमरूद, किसानों को लाखों का नुकसान

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Guava Production In Maharashtra: कमाई के लिहाज से ये साल किसानों के लिए अच्छा नहीं रहा. बाढ़, बारिश ने किसानों की फसलों को पहले ही बर्बाद कर दिया था. लाखों रुपये की फसलें बर्बाद हो गईं. महाराष्ट्र में पपीते की फसल फंगल वायरल के कारण बर्बाद हो गई थी. किसानों ने तब उस फसल से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया था. कुछ दिन पहले मिर्च पर कीड़ों का अटैक देखने को मिला. आलम यह रहा कि सस्ती बिकने के कारण किसान मंडी में मिर्च ही नहीं लेकर पहुंच रहे हैं. मंडियों में मिर्च की आवक बंद हो गई है. नया संकट किसानों के सामने फिर आया है. महाराष्ट्र में इस बार पफल बर्बाद होना शुरू हो गया है. 

महाराष्ट्र के कई जिलों में ठंड से अमरूद को नुकसान

पिछले कुछ समय से मौसम में ठंड बढ़ गई है. सर्दी का असर पेड़, पौधों पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में किसानों को इस साल अमरूद को लेकर भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तेज बारिश से पहले ही सोयाबीन, मूंग, अरहर समेत अन्य दालों को कापफी नुकसान हुआ था. जानकारों का कहना है कि ठंड की वजह से अमरूद का उत्पादन प्रभावित हुआ है. 

किसानों को 30 प्रतिशत तक नुकसान

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के नांदेड़ जिले के देगुलर तालुका के किसानों ने पोखरा योजना के तहत अमरूद की खेती लगाई है. प्रति एकड़ 500 से 600 अमरूद के पेड़ लगाए गए हैं. अमूमन एक साल में पेड़ों पर अमरूद आना शुरू हो जाते हैं. बागवानी करने वालों को अमरूदों से एक से डेढ़ लाख रुपये की महीने की इनकम हो जाती है. अच्छा उत्पादन होने पर कई बार आमदनी 3 से 4 लाख रुपये तक पहुंच जाती है. इस बार ठंड का असर अमरूदों पर देखने को मिल रहा है. ठंड के कारण अमरूद के फल में फंगस और फ्रूट फ्लाई किट लग गया है. इससे उत्पादन में 30 प्रतिशत तक गिरावट आई है. 

मदद करें सरकार

अमातौर पर जब किसी भी पफसल को नुकसान होता है तो किसान आर्थिक मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं. यह घड़ी भी ऐसी ही है. किसानो का कहना है कि पहले अधिक बारिश के चलते अमरूद के फूल गिर गए थे. बाद में ठंड ने अमरूद की ग्रोथ रोक दी. आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों ने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है. किसानों का कहना है कि इस साल हर फसल में किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों की मदद के लिए केंद्र व राज्य सरकार को आगे आना चाहिए. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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