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अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड 26 प्रतिशत गिरी, बजट में इन बातों पर जोर देगी सरकार

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रियल एस्टेट सेक्टर केंद्रीय बजट 2023 की उम्मीदें : देश का आगामी आम बजट (Union Budget 2023) कुछ ही घंटो में पेश होने वाला है। कल से संसद का बजट सत्र (बजट सत्र) शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल विवरण (वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) आम बजट (केंद्रीय बजट 2023) 1 फरवरी 2023 को अलग-अलग पेश करता है। इसे लेकर देश के रियल एस्टेट सेक्टर (रियल्टी सेक्टर) के अफोर्डेबल हाउसिंग (Affordable Housing) को लेकर काफी आशाएं हैं। सरकार से इस सेक्टर में कुछ नियम और टैक्स को खत्म करने की मांग की गई है। इसे सरकार लेकर कई तरह की रुकावटें सामने आ रही हैं। जानिए अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को बजट में क्या खास मिल सकते हैं…

बढ़ सकता है आवास की मात्रा

इस बार बजट में सरकार से उम्मीद है कि भारत के आवासीय रियल एस्टेट में किफायती आवास खंड को बढ़ावा दिया जाए। इनकी संख्या और विस्तार हो सकता है। आसान हो कि 2015 से इस योजना में काफी तेजी से देखने को मिला, लेकिन कोरोना महामारी ने इसे छोड़ दिया। एक बार फिर बजट में इसे प्रोत्साहन मिल सकता है, इससे संबद्धता और डेवलपर्स दोनों को लाभ मिलेगा। महामारी ने किफायती आवास खंड को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, मांग और आपूर्ति दोनों ही अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

26 प्रतिशत की गिरावट

ANAROCK के उपभोक्ता सर्वेक्षण में एक खुलासा हुआ है। इस सर्वे के मुताबिक, साल 2022 में किफायती आवास की मांग में भारी गिरावट देखी गई है। साल 2018 में देश के 7 शहरों में 39 प्रतिशत संपत्ति चाहने वाले 40 लाख रुपये के भीतर किफायती घरों के जमा थे। यह मांग 2022 में अपने सबसे निचले स्तर तक पहुंच गई है, केवल 26 प्रतिशत संपत्ति चाहने वाले इस बजट में खरीदारी करना चाहते हैं। 2022 के अंत तक इन 7 शहरों में 6.30 लाख आवास अभी भी नहीं हैं, साथ ही किफायती आवास की दृष्टि 27 प्रतिशत से अधिक है। बजट में सरकार को इसे प्राथमिकता के आधार पर पटरी पर लाना होगा।

बजट से क्या उम्मीद है

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एनरॉक ग्रुप के खाते (चेयरमैन, एनारॉक ग्रुप) अनुज पुरी का कहना है कि बजट इंटरवेंशन करने का एक ज़ोन तरीके घरों के लिए प्राइस बैंडविथ को ध्यान में रखते हैं, जो विभिन्न शहरों के किफायती आवास के रूप में प्राप्त करते हैं। कई किफायती आवास का आकार वर्तमान में 60 वर्ग मीटर है। जिसके लिए 45 लाख रुपये के समान मूल्य प्रमुख शहरों के बाजारों की वास्तविकताओं के अनुरूप नहीं है।

उचित स्थान मूल्य बैंड

किफायती आवास को लेकर बजट में जैसे मुंबई शहर में 45 लाख रुपये, जोकि जगह के हिसाब से बहुत कम है, इसे बढ़ाकर 85 लाख रुपये या उससे अधिक किया जाना चाहिए। अन्य शहरों में प्राइस बैंड को बढ़ाकर 60-65 लाख रुपये किया जाना चाहिए। इसके परिणाम स्वरूप अधिक घरों को किफायती आवास के रूप में शामिल किया जा सकता है, जिससे कई और घरेलू देनदारियों को बिना 1 प्रतिशत कम सब्सिडी और अन्य सरकारी सब्सिडी जैसे लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

लोन छूट सीमा को बढ़ायाये सरकार

पुरी का कहना है कि, ‘हाउसिंग एंड यूजर्स के लिए ज्यादा टैक्स छूट और किफायती हाउसिंग के लिए इनवेस्टर्स से भी डिमांडिंग पर जोर देना चाहिए। डक्ट एक्ट की धारा-24 के तहत आवास लोन वेज पर 2 लाख रुपये की वर्तमान कर छूट को कम से कम 5 लाख रुपये तक सींक देना चाहिए। इससे हाउसिंग की मांग में तेजी आएगी। सभी योजनाओं के लिए सरकार की हाउसिंग पूरी तरह से किफायती आवास पर केंद्रित है। साथ ही यह जरूरी है कि बजट 2023-24 में इस सेक्टर को फिर से जिंदा करने पर जोर दिया जाए।

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