https://bulletprofitsmartlink.com/smart-link/133310/4

पेट्रोलियम मंत्री ने OPEC महासचिव से मुलाकात कर महंगे क्रूड पर जताई चिंता

Share to Support us


Crude Oil Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल और ओपेक देशों के उत्पादन घटाने के फैसले के बीच, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक आर्थिक संकट, मंदी और इकोमॉनिक स्लोडाउन के मद्देनजर कच्चे तेल के उत्पादक देशों से कच्चे तेल के सबसे ज्यादा खपत करने वाले भारत जैसे देशों के साथ संवेदनशीलता दिखाने को कहा है. 

अबु धाबी में तेल उत्पादक देशों और दिग्गज तेल कंपनियों की बैठक एडीपेक में भाग लेने पहुंचे पेट्रोलियम मंत्री ने ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस (Haitham Al Ghais) से मुलाकात की. इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए एक्स (X) पर साझा करते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने लिखा, ओपेक के महासचिव के साथ वैश्विक एनर्जी परिस्थितियों पर चर्चा की और उन्हें बताया भारत 101 अरब डॉलर यानि अपने खपत का 60 फीसदी कच्चा तेल और दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स ओपेक देशों से आयात करता है. पेट्रोलियम मंत्री ने ओपेक महासचिव को बताया कि सामाजिक उत्थान के लिए अफोर्डेबल एनर्जी प्राइसेज रहना कितना जरूरी है. 

उन्होंने कहा, जब कोरोना महामारी के दौरान कच्चे तेल की कीमतें बहुत गिर गई थी तो कीमतों को स्थिर करने के लिए पूरी दुनिया साथ आई जिससे उत्पादक देशों को राहत मिल सके. लेकिन अभी जब पूरी दुनिया आर्थिक संकट मंदी से जूझ रही है तो तेल उत्पादक देशों को वही संवेदनशीलता कच्चे तेल के सबसे ज्यादा खपत करने वाले देशों के साथ दिखानी चाहिए.  

हरदीप पूरी ने ओेपेक के महासचिव से कहा भारत मानता है कि कच्चे तेल का उत्पादन कितना करना है ये तेल उत्पादक और एक्सपोर्ट करने वाले देशों का अधिकार है लेकिन इसका नतीजा भी देखना बेहद जरूरी है. दरअसल तेल उत्पादक देशों के प्रोडक्शन घटाने के फैसले के बाद ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ी है. 

दरअसल पिछले दिनों कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 97 डॉलर प्रति बैरल को छूने के बाद नीचे लुढ़कते हुए 90 डॉलर प्रति बैरल पर आ पहुंचा है और 3 अक्टूबर 2023 को ब्रेंट क्रूड ऑयल 90.14 डॉलर प्रतिल बैरल और WTI क्रूड 88.41 डॉलर प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है. भारत सरकार ने इससे फौरी राहत की सांस ली होगी. क्योंकि पिछले दिनों इसके 100 डॉलर तक छूने की भविष्यवाणी की जा रही थी. हालांकि ये लेवल अभी भी ज्यादा बना हुआ है. सऊदी अरब और रूस ने दिसंबर 2023 तक कच्चे तेल के उत्पादन और सप्लाई को घटाने का फैसला लिया है. जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है.    

ये भी पढ़ें

India GDP Data: विश्व बैंक ने असामान्य मानसून और क्रूड की कीमतों में तेजी के बाद बढ़ाया महंगाई दर का अनुमान, 6.3% रह सकती है जीडीपी





Source link


Share to Support us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Download Our Android Application for More Updates

X