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दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, जानिए कितना तेज भूकंप आने पर गिरने लगती है इमारते

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Earthquake in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. अचानक ही धरती कांपने से लोग दहशत में आ गए. भूकंप का आने का समय दोपहर 2 बजकर 53 मिनट रहा. भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई. दरअसल, जब भी तेज भूकंप आता है तो लोगों के मन में सवाल आता है कि कहीं उनकी बिल्डिंग तो नहीं गिर जाएगी या उनके पास की कोई जर्जर इमारत तो नहीं गिर जाएगी. हो सकता है आपके मन में भी ये सवाल या डर रहता होगा. तो आज हम आपको ये बता देते हैं कि आखिर कितने रिक्टर स्केल का भूकंप आने पर बिल्डिंग के गिरने का डर रहता है. 

क्या होता है रिक्टर स्केल?

भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्‍टर पैमाने का इस्‍तेमाल किया जाता है. जब भूकंप की तीव्रता मापी जाती है तो उसमें देखा जाा है कि भूकंप कितना आया और कितनी जोर से आया, जिसके लिए मैग्नीट्यूड और इंटेंसिटी का सहारा लिया जाता है. दरअसल, जब धरती कांपती है तो तरंगों के रुप में एनर्जी निकलती है और उन तरंगों से सीज्मोग्राफ के जरिए भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जाता है. इससे भूकंप आने के बाद उसके केंद्र आदि के बारे में पता चल जाता है. अब मैग्नीट्यूड के आधार पर भूकंप मापा जाता है.

कितने तेज भूकंप पर बिल्डिंग गिरने लग जाती है?

वैसे तो किसी भी बिल्डिंग का गिरना भूकंप के साथ कई चीजों पर निर्भर करता है, जिसमें बिल्डिंग की बनावट भी अहम भूमिका निभाती है. इसके अलावा भूकंप का केंद्र, भूकंप का एपीसेंटर और तीव्रता भी इसमें अहम भूमिका निभाती है. सामान्य तौर पर देखें तो 8 मैग्नीट्यूड से ज्यादा के भूकंप में बिल्डिंग के गिरने का खतरा रहता है, लेकिन केंद्र से ज्यादा दूरी ना होने पर इससे कम तीव्रता वाले भूकंप में भी जान-माल का नुकसान हो जाता है. 

रिपोर्ट्स के अनुसार, 2.5 और इससे कम तीव्रता वाले भूकंप को खतरनाक नहीं माना जाता है और इससे कोई भी नुकसान होने की डर नहीं रहता है. इसके बाद 2.5 से 5.4 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है और इसमें भी कुछ स्थितियों को छोड़कर नुकसान होने की संभावना काफी कम रहती है. इसके बाद 5.5 से 6 तीव्रता वाले भूकंप को हल्का खतरनाक भूकंप माना जाता है और इससे कुछ नुकसान हो सकता है. अगर 6 से 7 तीव्रता का भूकंप आता है तो ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्र में थोड़ा डैमेज हो सकता है. इसके बाद 7 से 7.09 के भूकंप में कई जगह नुकसान हो जाता है और कई बिल्डिंगों में दरार या उनके गिरने की खबरें आती हैं. अगर उससे ज्यादा भूकंप आता है तो इससे काफी नुकसान होता है और ऐसे भूकंप कई सालों में एक बार आते हैं. 

 



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