Switzerland Of India: यूं तो भारत के हर राज्य में ढेर सारे जिले हैं लेकिन जब बात भौगोलिक तौर पर खासियत की आती है उत्तर प्रदेश के एक खास जिले का जिक्र जरूर होता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं यूपी के खास जिले सोनभद्र की (sonbhadra district). सोनभद्र एरिया के मामले में उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा जिला है लेकिन सामान्य ज्ञान के सवालों में इसका जिक्र जरूर होता है. दरअसल सोनभद्र भारत का अनोखा ऐसा जिला है जिसे एक साथ चार राज्यों की सीमाएं छूती है. अपनी इसी खासियत के चलते कंपटीशन से जुड़ी परीक्षाओं में सोनभद्र को लेकर सवाल आते हैं.
चार राज्यों की सीमा को छूता है सोनभद्र जिला
सोनभद्र यूं तो यूपी में आता है लेकिन इसकी सीमा मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ से भी मिलती है. सोनभद्र खनन के मामले में भी काफी विख्यात है क्योंकि यहां पर कैमूर की पहाड़ियों में खनिज की खुदाई होती है और भारी मात्रा में खनिज का खनन किया जाता है. सोनभद्र इलाके में बॉक्साइट, चूना पत्थर,कोयला और सोना भी काफी मात्रा में खनन किया जाता है.
1989 से पहले सोनभद्र मिर्जापुर जिले में ही शामिल था. लेकिन 1998 मे इसे अलग करके सोनभद्र नाम दिया गया. सोनभद्र का नाम इसके किनारे बहने वाली नदी पर पड़ा. यहां जिले के किनारे पर सोन नदी बहती है और इसी के नाम पर इस जिले को सोनभद्र कहा जाने लगा. केवल सोन नदी ही नहीं, बल्कि इस जिले में कनहर और पांगन के साथ साथ रिहंद नदी भी बहती है.
पंडित नेहरू ने इसे स्विटजरलैंड ऑफ इंडिया कहा था
कहते हैं कि सोनभद्र विंध्य और कैमूर की पहाड़ियों के बीच में बसा है और यही कारण है कि इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. जब पंडित नेहरू यहां आए थे तो इस जिले की खूबसूरती देखकर इसे स्टिवजरलैंड ऑफ इंडिया का नाम दिया था. सोनभद्र में हरियाली और पहाड़ों की खूबसूरती है तो नदियों की उन्नत धारा भी देखने को मिलती है. यहां इतने सारे पावर प्लांट है कि इसे पावर केपिटल कहा जाता है.
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