What Is Sleep Paralysis: रात के अंधेरे में सोते समय कई लोगों को कुछ अजीबो-गरीबो और डरावने अनुभव होने लगते हैं. ऐसा लगता है जैसे कोई उनको घूर रहा हो, कोई आवाजें आ रही हों या फिर कोई उनके कमरे में मौजूद है. ये सब दरअसल एक तरह के हॉल्यूसिनेशन यानी भ्रमजनक अनुभव होते हैं. स्लीप पैरालिसिस के दौरान कई लोगों को अजीबो-गरीबो अनुभव होते हैं, जिन्हें हॉल्यूसिनेशन कहा जाता है. ये अनुभव दरअसल भ्रमजनक होते हैं और वास्तविक नहीं. इन अनुभवों में लोगों को ऐसा लगता है जैसे उन्होंने किसी भूत-प्रेत, दानव या अपने किसी मृत रिश्तेदार को देखा हो. कुछ लोगों को तो यहां तक लगता है कि उनका खुद का हमशक्ल उनके सामने खड़ा है. चलिए जानते हैं इस बीमारी के बारे में …
जानें स्लीप पैरालिसिस क्या होता है
जब हम सोते हैं, तो हमारी नींद में दो अवस्थाएं आती हैं. पहली अवस्था जब हम सपने देखते हैं. इसे आरईएम स्लीप कहते हैं. इस दौरान हमारा दिमाग हमारे शरीर को कुछ ऐसे संकेत भेजता है, जिससे हमारा शरीर चलने-फिरने ना पाए. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि सपने में हम अपने हाथ-पैर ना हिलाएं. दूसरी अवस्था गहरी नींद की होती है. इसे नॉन-आरईएम स्लीप कहते हैं.अब स्लीप पैरालिसिस में हमारा दिमाग तो जग जाता है, लेकिन हमारा शरीर सोया हुआ रहता है.यानी दिमाग की नींद खुल गई है, लेकिन शरीर अभी भी सो रहा है. ऐसे में शरीर की मांसपेशियां पूरी तरह आराम नहीं कर पातीं और व्यक्ति को डरावना अनुभव होने लगता है. उसे भ्रम होने लगता है कि उसके आस-पास भूत-प्रेत का साया है. लेकिन यह एक तरह की बीमारी है.
क्यों होता है स्लीप पैरालिसिस?
डॉक्टरों का मानना है कि स्लीप पैरालिसिस का सबसे बड़ा कारण पूरी नींद न ले पाना है. अनियमित सोने-जागने का समय, तनाव या गलत तरीके से लेटने से भी यह समस्या हो सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि सबसे पहले तो मरीज को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए कि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है. मरीज को आश्वस्त करना चाहिए कि उसे कोई खतरा नहीं है. कुछ मामलों में ध्यान-अभ्यास और मानसिक शांति देने वाली दवाएं दी जाती है. सबसे महत्वपूर्ण है कि मरीज को नींद से पहले तनाव न लेने को कहा जाए.
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